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बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चार धाम पर जाने से पहले जरूर करें यह काम, नहीं तो सड़कों पर कटेगी रात; होटलों में हो रही एडवांस बुकिंग

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बदरीनाथ, केदारनाथ सहित चार धाम यात्रा पर यूपी, एमपी, राजस्थान सहित देश के किसी भी राज्य से अगर आप उत्तराखंड आ रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। चार धाम यात्रा पर जाने से पहले अगर श्रद्धालुओं ने यह काम नहीं किय तो उनकी सड़कों पर रातें गुजर सकती है।

यात्रा पर जाने से पहले तीर्थ यात्रियों को हरहाल में यह काम करना ही होगा नहीं तो उनकी परेशानी दोगुनी हो सकती है। चार धाम यात्रा रूट पर होटलों की बुकिंग हो रही है। यात्रा के शुरू होने से पहले ही 25 से  40 फीसदी तक एडवांस बुकिंग हो चुकी है। हरिद्वार, ऋषिकेश, चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तराकाशी आदि शहरों में लोग होटलों में एडवांस बुकिंग करा रहे हैं।

ऐेसे में चार धाम यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं को सलाह है यात्रा पर जाने से पहले होटल बुकिंग करा लें। हरिद्वार के होटलों में चारधाम यात्रा को लेकर एडवांस बुकिंग शुरू हो गई है। होटलों में करीब 25 फीसदी एडवांस बुकिंग होने से कारोबारियों के चेहरे खिले हुए हैं। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु मोबाइल से रोजाना होटलों में बुकिंग के लिए पूछताछ कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें:बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा रूट पर गूगल मैप भी करेगा मदद, श्रद्धालुओं को मिलेगी यह लेटस्ट जानकारी 

चारधाम यात्रा की शुरुआत होने से पहले बड़ी संख्या में यात्री धर्मनगरी पहुंचते हैं। इसके लिए महीनों पहले यात्री होटल और वाहनों की एडवांस बुकिंग करना शुरू कर देते हैं। इस वर्ष चारधाम यात्रा के प्रति यात्रियों का रुझान देख कर होटल कारोबारी खुश हैं। चारधाम यात्रा के लिए 50 से 70 यात्री रोजाना होटलों में कमरों को लेकर पूछताछ कर रहे हैं।

बड़ी संख्या में यात्री होटलों में एडवांस बुकिंग कर रहे हैं। कुछ दिन रुकने के बाद यात्री चारधाम के लिए रवाना होते हैं। चारधाम यात्रा पूरी करने के बाद यात्री हरिद्वार वापस आते हैं। जिसके बाद अपने गंतव्यों को रवाना होते हैं। होटल कारोबारियों को इस वर्ष रिकॉर्ड तोड़ भीड़ चारधाम यात्रा के लिए पहुंचने की उम्मीद जता रहे हैं।

होटलों में एडवांस बुकिंग हो रही है। इन्क्वारी भी बड़ी संख्या में यात्री कर रहे हैं। यात्रियों में चारधाम यात्रा के लिए होने वाले रजिस्ट्रेशन को लेकर संशय है। रजिस्ट्रेशन निर्धारित करने से परेशानी हो रही है।
आशुतोष शर्मा, अध्यक्ष हरिद्वार होटल एसोसिएशन

होटल में बुकिंग हो रही है, लेकिन यात्री रजिस्ट्रेशन होने पर ही हरिद्वार पहुंचने की बात कर रहे हैं। यात्रियों की संख्या निर्धारित होने के कारण परेशानी हो रही है। यात्री पहले रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं। 
विभाष मिश्रा, होटल कारोबारी

चारधाम यात्रा के लिए होटलों में करीब 25 फीसदी एडवांस बुकिंग हो चुकी है। कारोबारियों को इस वर्ष रिकॉर्ड तोड़ यात्रियों के पहुंचने की उम्मीद है। संख्या निर्धारित होने से कारोबारी परेशान हैं। 
कुलदीप शर्मा, अध्यक्ष बजट होटल एसोसिएशन

केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चारधाम के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, व्हाट्सअप से भी पंजीकरण

केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के लिए 21 फरवरी से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चारधाम यात्रा पर जाने के इच्छुक तीर्थ यात्री वेबसाइट, टोल फ्री नंबर, व्हाट्सअप नंबर पर पंजीकरण करा रहे हैं। सरकार की ओर से तीर्थ यात्रियों को यात्रा पर जाने से पहले पंजीकरण के लिए चार विकल्प दिए हैं।

श्रद्धालु वेबसाइट, व्हाट्सअप नंबर, टोल फ्री नंबर के साथ ही मोबाइल एप पर भी अपनी सुविधानुसार पंजीकरण करा सकते हैं। श्रद्धालु वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर पंजीकरण करा सकेंगे। व्हाट्सअप नंबर 8394833833 पर पंजीकरण का विकल्प रहेगा।

टोल फ्री नंबर 01351364 के साथ मोबाइल एप touristcareuttarakhand को डाउनलोड कर भी पंजीकरण किया जा सकेगा। अभी पहले चरण में सिर्फ केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के लिए ही पंजीकरण होंगे। पहले नवरात्र के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का समय तय होते ही चारों धामों के लिए पूरी संख्या में पंजीकरण शुरू हो जाएंगे।

 



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खुशखबरी : दिल्ली के स्कूलों में जल्दी होगी 26 हजार शिक्षकों की भर्ती, HC ने केजरीवाल सरकार को दिया आदेश

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दिल्ली में 26 हजार से अधिक शिक्षकों की जल्द भर्ती होगी। उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और नगर निगम को अपने स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है।



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Odisha Train Accident: बढ़ सकता है मृतकों का आंकड़ा; चश्मदीदों का दावा – मलबे में दबे हैं शरीर के अंग

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ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। जानकारों का मानना ​​है कि यह संख्या 300 से अधिक हो सकती है। शनिवार शाम तक रेलवे सूत्रों ने बताया है कि मरने वालों की संख्या 288 है। 800 से ज्यादा घायल। लेकिन चश्मदीदों का कहना है कि शरीर के अंग अब भी मलबे में दबे हुए  हैं। मलबे के नीचे कई शव भी दबे हो सकते हैं। नतीजतन, मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। रेल सेवा शनिवार से सेवा सामान्य करने की कवायद शुरू हो गई है। लेकिन यह काफी समय लेने वाला माना जाता है।

संयोग से 10 मई 2010 को ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस हादसे में 148 लोगों की मौत हुई थी। इससे पहले, 2 अगस्त 1999 को रेलवे अधिकारियों के अनुसार, उत्तर बंगाल में इस्लामपुर के पास गेसल में एक रेल दुर्घटना में 285 लोगों की मौत हो गई थी। बालासोर कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे में मरने वालों की संख्या ने इन हादसों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यदि मरने वालों की संख्या 300 को पार कर जाती है, तो दुर्घटना पूर्वी भारत में हाल के दिनों में घटने वाली सबसे घातक रेल दुर्घटना होगी।

जांच के बाद रेलवे की प्रारंभिक रिपोर्ट में कोरोमंडल हादसे का कारण सिग्नलिंग में खराबी बताया गया है। हालांकि, रेलवे अधिकारियों के एक वर्ग के अनुसार, विस्तृत जांच से दुर्घटना के कारणों का पता चल पाएगा। साइट निरीक्षण के बाद एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया, “अप मेन लाइन पर हरी झंडी दे दी गई थी। लेकिन ट्रेन उस लाइन में नहीं आई। ट्रेन लूप लाइन में चली गई। वहां पहले से ही एक मालगाड़ी खड़ी थी। उससे टक्कर में कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई।” रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, ”इस बीच बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस डाउन लाइन से होते हुए बालासोर की ओर जा रही थी। उस ट्रेन के दो डिब्बे भी पटरी से उतरे। लेकिन मेन लाइन पर हरी झंडी मिलने के बावजूद अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में कैसे आई। ऐसे में माना जा रहा है कि सिग्नल देने में गलती हुई होगी।”

कब तक चालू होगी ट्रेनों की आवाजाही

रेलवे की ओर से आधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है। हालांकि, रेलवे बचाव कार्य से जुड़े अनुभवी लोगों के एक समूह ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि सोमवार से पहले पूरी तरह से मलबा हटाना संभव नहीं है। ऐसे में मंगलवार को ट्रेन सेवाएं सामान्य हो सकती हैं। दरअसल, अब रेलवे का सिरदर्द रूट पर सेवाओं को पूरी तरह से सामान्य करने का है। मलबे हटाने का काम शनिवार से शुरू हो गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर रेलवे लाइन के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। सीमेंट के स्लीपर टूटे हुए हैं, लोहे की छड़ें निकली हुई है। रेलवे के एक सूत्र ने दावा किया, मंगलवार से पहले उस रूट पर रेल सेवाएं पूरी तरह सामान्य होने की संभावना नहीं है।

हालांकि आपात स्थिति में कम से कम एक लाइन अप और डाउन लाइन पर ट्रेनों को चलाने का प्रयास करेगी। पश्चिम बंगाल से बहुत से लोग इलाज के लिए दक्षिण भारत जाते हैं। इसके अलावा, सबसे लोकप्रिय बंगाली तीर्थ स्थलों में से एक पुरी जाने वाली सभी ट्रेनें बालासोर से होकर गुजरती हैं। रविवार को स्नान के कारण कई तीर्थयात्रियों के पास पुरी जाने वाली ट्रेन का टिकट था। ऐसे में कई ट्रेनों के रद्द होने से भारी आर्थिक नुकसान होने का खतरा है। 

बचाव कार्य कैसे हुआ?

हादसा शुक्रवार शाम करीब सात बजे हुआ। इसके बाद से बालासोर में स्थिति गंभीर है। यात्रियों को बचाने के लिए रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। बचावकर्मियों से लेकर अस्पताल के डॉक्टर तक सब बचाव में कूद पड़े। आपदा प्रबंधन अधिकारियों से लेकर दमकलकर्मियों तक रात के अंधेरे से लेकर शनिवार सुबह तक बचाव कार्य जारी है। शुक्रवार शाम हादसे के बाद एंबुलेंस और मोबाइल हेल्थ यूनिट की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। शुक्रवार शाम से कुल 200 एंबुलेंस, 50 बसें और 45 मोबाइल हेल्थ यूनिट मौके पर पहुंच चुकी हैं। पटरी से उतरे डिब्बे के फर्श से यात्रियों को बचाने के लिए गैसकटर का इस्तेमाल किया गया। स्थानीय लोग भी सामने आए। घायल यात्रियों को बचाया तो कभी पानी देकर उनकी प्यास बुझाई। कभी-कभी वह रेलवे लाइन के आसपास बिखरे सामानों को इकट्ठा कर एक जगह करते हुए नजर आए। कई लोग अस्पताल में घायलों के लिए रक्तदान करने के लिए कतार में खड़े हैं।



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ओडिशा रेल हादसे के चलते आवाजाही पर असर; 48 ट्रेनें रद्द, जानें कितनों का बदला रास्ता

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भारतीय रेल के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण पूर्व रेलवे ने चेन्नई-हावड़ा मेल, दरभंगा-कन्याकुमारी एक्सप्रेस और 3 जून को अपनी यात्रा शुरु करने वाली कामख्या-एलटीटी एक्सप्रेस को रद्द कर दिया है।



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