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जम्मू-कश्मीर में आतंकियों पर कहर बनकर टूटी सेना, इस साल 40 विदेशियों समेत 49 को किया ढेर

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सुरक्षा बलों ने इस साल जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद-विरोधी कैंपेन में 40 विदेशियों सहित 49 आतंकवादियों को मार गिराया। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि ‘टीम जे&के’ राज्य को आतंकवाद मुक्त बनाने के लिए ‘अनूठे मॉडल’ के तौर पर मिलकर काम कर रही है। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस, CRPF, सेना, खुफिया एजेंसियां और नागरिक प्रशासन शामिल हैं। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि वह शनिवार को आयोजित तीसरी उत्तरी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति के दौरान बोल रहे थे।

 

दिलबाग सिंह ने कहा कि ऐसा भी वक्त था जब हर शुक्रवार को सुरक्षा बलों पर पथराव होता था। डीजीपी ने कहा कि अब यह सब खत्म हो गया है। उन्होंने दावा किया, ‘जम्मू-कश्मीर सुरक्षा टीम मानवाधिकारों का शून्य उल्लंघन सुनिश्चित करने में सक्षम है। बीते कुछ बरसों में कानून व व्यवस्था से जुड़ी किसी गतिविधि में एक भी नागरिक हताहत नहीं हुआ है। हम जम्मू-कश्मीर में शून्य आतंकवाद की नीति की ओर इंच दर इंच आगे बढ़ते जा रहे हैं।’ उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपने न्यूनतम स्तर पर है। 

’40 विदेशी और 9 स्थानीय आतंकवादी किए ढेर’

DGP दिलबाग ने बताया कि इस साल जम्मू-कश्मीर सुरक्षा टीम ने 40 विदेशी और 9 स्थानीय आतंकवादियों को मार गिराया है। उन्होंने दावा किया कि आतंकवादी गतिविधियों में स्थानीय भागीदारी में भारी कमी आई है। इस हाई लेवल मीटिंग में उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर अधिकारी व सीएपीएफ/सीपीओ के अधिकारी शामिल हुए थे, जिसकी अध्यक्षता सिंह ने की थी। इस दौरान सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों के बीच शानदार तालमेल है जिससे आतंकवादियों को गांवों और शहरों से पहाड़ों की ओर धकेलने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि लोगों के सहयोग से सेनाओं को काफी मदद मिलती है, जिसके लिए हम जम्मू-कश्मीर के लोगों को धन्यवाद देते हैं।

नशीली दवाओं और साइबर अपराध पर भी चर्चा

बैठक की शुरुआत में अनंतनाग के कोकेरनाग कैंपेन में मारे गए सुरक्षा बलों के जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान एक मिनट का मौन रखा गया। मीटिंग में आतंकवाद, नशीली दवाओं के खतरे, साइबर अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति, सीमा पार से नशीली दवाओं और प्रतिबंधित वस्तुओं को गिराने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल जैसे मामलों पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा, पुलिस बलों के बीच अंतर-राज्य डेटाबेस व कम्युनिकेशन चैनलों के निर्माण पर जोर दिया गया। साथ ही, संगठित अपराध और मानव तस्करी जैसे विषयों पर खुफिया जानकारी साझा करने और बेहतर समन्वय बनाने को लेकर गहन चर्चा हुई।



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मणिपुर हिंसा में आतंकी कनेक्शन! दो देशों के दहशतगर्दों के साथ रची साजिश, संदिग्ध गिरफ्तार

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संदिग्ध को पूछताछ और आगे की जांच के लिए दिल्ली लाया जा रहा है। आतंकवाद रोधी एजेंसी ने एक बयान में कहा कि आरोपी और म्यांमार और बांग्लादेश में उसके नेटवर्क ने मणिपुर संकट का फायदा उठाने की कोशिश की।



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चंद्रयान-3 के बाद अब भारत के पहले सूर्य मिशन से भी आई खुशखबरी, ISRO को मिली बड़ी सफलता

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Aditya L1 Mission: चंद्रयान-3 मिशन में मिली सफलता के बाद भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को लेकर इसरो ने शनिवार को खुशखबरी दी है। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया है कि अब उसका यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बाहर जा चुका है। अब तक आदित्य-एल1 ने पृथ्वी से मिलाकर 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी पूरी कर ली है। बेंगलुरु मुख्यालय वाली राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, ”आदित्य-एल1 पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है। अब यह सन-अर्थ लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना रास्ता तलाश रहा है। यह दूसरी बार है जब इसरो किसी अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र के बाहर भेज सका। पहली बार मंगल ऑर्बिटर मिशन में भेजा था।

इसरो ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि आदित्य-एल1 सौर मिशन अंतरिक्ष यान ने डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया है जो वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करेगा। इसमें कहा गया है कि एल1 के आसपास एकत्र किया गया डेटा सौर हवा और अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं की उत्पत्ति, अनिसोट्रॉपी में अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।  पीएसएलवी-सी57 रॉकेट द्वारा आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण 2 सितंबर को इसरो द्वारा सफलतापूर्वक पूरा किया गया था। आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान सूर्य का अध्ययन करने के लिए कुल सात अलग-अलग पेलोड ले गया है। 

इसमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे। बता दें कि आदित्य एल1 में दो मुख्य पेलोड हैं, विजिबल एमिशन लाइन कोरोनोग्राफी (वीईएलसी) और सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआईटी)। लैग्रेंज प्वाइंट पर पहुंचने के बाद, वीईएलसी पेलोड रोजाना 1,440 तस्वीरें भेजेगा। इसलिए इस पेलोड को आदित्य-एल1 का काफी अहम पेलोड माना जा रहा है। आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह सूर्य के चारों ओर उसी सापेक्ष स्थिति में चक्कर लगाएगा और इसलिए लगातार सूर्य को देख सकता है। 



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केवल 14 मिनट में हो जाएगी वंदे भारत ट्रेन की सफाई, जापान की बुलेट ट्रेनों से ली सीख

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जिन स्टेशनों पर ऐतिहासिक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा उनमें वाराणसी, गांधीनगर, नागपुर, न्यू जलपाईगुड़ी, मुंबई सीएसएमटी, हजरत निजामुद्दीन, दिल्ली कैंट, कासरगोड, गुवाहाटी राउरकेला आदि शामिल हैं।



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