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अब CPM ने बना ली INDIA गठबंधन की समन्वय समिति से दूरी, सीटों पर भी है ऐतराज

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने इंडिया गठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी से बाहर रहने का फैसला किया है। हालांकि, वह इस गठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी। शनिवार और रविवार को दिल्ली में हुई सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो की बैठक में इस पर सहमति बनी। पोलित ब्यूरो की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘INDIA ब्लॉक को और अधिक विस्तार देने पर फोकस करना चाहिए। इस प्रयास में जन आंदोलनों के अहम सेक्शन्स को भी शामिल करने की जरूरत है। हालांकि, इस तरह के सभी फैसले गठबंधन दलों के नेताओं की ओर से ही लिए जाएंगे। मगर ऐसा कोई संगठनात्मक गुट नहीं होनी चाहिए जो ऐसे फैसलों में बाधा बने।’

CPIM महासचिव सीताराम येचुरी इंडिया गठबंधन नेताओं की अब तक हुई तीनों बैठकों में शामिल हुए हैं जो कि पटना, बेंगलुरु और मुंबई में हुईं थीं। सीपीआई (एम) ने गठबंधन की कम महत्वपूर्ण समितियों में अपने सदस्यों को नामित किया था, जैसे कि कैंपेन कमेटी। मगर, अटकलें उस वक्त शुरू हुईं जब पार्टी ने समन्वय समिति में किसी को नहीं भेजा, जिसकी 13 सितंबर को दिल्ली में पहली बैठक हुई थी। इस दौरान यह फैसला लिया गया कि सीट-बंटवारे को लेकर सहयोगी दलों के बीच राज्य स्तर पर ही काम किया जाएगा।

केरल-बंगाल में CPM को गठबंधन दलों से चुनौती?

दरअसल, फैक्ट यह है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कांग्रेस दोनों ही INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं। यह स्थिति सीपीआई (एम) के लिए मुश्किल खड़ी कर देती है। बंगाल में CPI(M) और कांग्रेस चुनावी सहयोगी हैं और दोनों ही BJP-TMC को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी मानते हैं। अगर केरल की बात करें तो यहां सीपीआई (एम) सत्ता में है, जो कि कांग्रेस की विरोधी है। केरल और बंगाल ही 2 ऐसे राज्य हैं जहां सीपीआई (एम) की उपस्थिति सबसे अधिक है। गौर करने वाली बात यह भी है कि बंगाल में CPM ने 34 वर्षों तक शासन किया, मगर आज कम्युनिस्टों के पास कोई विधायक या सांसद नहीं है।

बंगाल में TMC के खिलाफ लड़ने का फैसला

बीते अगस्त में सीपीआई (एम) की केंद्रीय समिति ने अपनी बंगाल यूनिट को 2024 में TMC के खिलाफ लड़ने की इजाजत दे दी। जबकि, पार्टी ने दूसरे राज्यों की यूनिट्स को INDIA के हिसाब से रणनीति बनाने के लिए कहा। इंडिया गठबंधन में यह पहला मौका था जब किसी सहयोगी ने दूसरे के खिलाफ लड़ने का फैसला लिया। एमडी सलीम सीपीआई (एम) की पश्चिम बंगाल राज्य समिति के सचिव और पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं। उन्होंने पोलित ब्यूरो का रुख बताते हुए पार्टी की राजनीतिक मजबूरियों पर बात करने से परहेज किया। उन्होंने, ‘यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि इंडिया गठबंधन 2024 में सीटों का बंटवारा राज्य स्तर पर करेगा। गठबंधन के भीतर समन्वय समिति जैसा अलग राजनीतिक गुट बनाने की कोई जरूरत नहीं है।’



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मणिपुर हिंसा में आतंकी कनेक्शन! दो देशों के दहशतगर्दों के साथ रची साजिश, संदिग्ध गिरफ्तार

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संदिग्ध को पूछताछ और आगे की जांच के लिए दिल्ली लाया जा रहा है। आतंकवाद रोधी एजेंसी ने एक बयान में कहा कि आरोपी और म्यांमार और बांग्लादेश में उसके नेटवर्क ने मणिपुर संकट का फायदा उठाने की कोशिश की।



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चंद्रयान-3 के बाद अब भारत के पहले सूर्य मिशन से भी आई खुशखबरी, ISRO को मिली बड़ी सफलता

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Aditya L1 Mission: चंद्रयान-3 मिशन में मिली सफलता के बाद भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को लेकर इसरो ने शनिवार को खुशखबरी दी है। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया है कि अब उसका यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बाहर जा चुका है। अब तक आदित्य-एल1 ने पृथ्वी से मिलाकर 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी पूरी कर ली है। बेंगलुरु मुख्यालय वाली राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, ”आदित्य-एल1 पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है। अब यह सन-अर्थ लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना रास्ता तलाश रहा है। यह दूसरी बार है जब इसरो किसी अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र के बाहर भेज सका। पहली बार मंगल ऑर्बिटर मिशन में भेजा था।

इसरो ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि आदित्य-एल1 सौर मिशन अंतरिक्ष यान ने डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया है जो वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करेगा। इसमें कहा गया है कि एल1 के आसपास एकत्र किया गया डेटा सौर हवा और अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं की उत्पत्ति, अनिसोट्रॉपी में अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।  पीएसएलवी-सी57 रॉकेट द्वारा आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण 2 सितंबर को इसरो द्वारा सफलतापूर्वक पूरा किया गया था। आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान सूर्य का अध्ययन करने के लिए कुल सात अलग-अलग पेलोड ले गया है। 

इसमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे। बता दें कि आदित्य एल1 में दो मुख्य पेलोड हैं, विजिबल एमिशन लाइन कोरोनोग्राफी (वीईएलसी) और सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआईटी)। लैग्रेंज प्वाइंट पर पहुंचने के बाद, वीईएलसी पेलोड रोजाना 1,440 तस्वीरें भेजेगा। इसलिए इस पेलोड को आदित्य-एल1 का काफी अहम पेलोड माना जा रहा है। आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह सूर्य के चारों ओर उसी सापेक्ष स्थिति में चक्कर लगाएगा और इसलिए लगातार सूर्य को देख सकता है। 



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केवल 14 मिनट में हो जाएगी वंदे भारत ट्रेन की सफाई, जापान की बुलेट ट्रेनों से ली सीख

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जिन स्टेशनों पर ऐतिहासिक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा उनमें वाराणसी, गांधीनगर, नागपुर, न्यू जलपाईगुड़ी, मुंबई सीएसएमटी, हजरत निजामुद्दीन, दिल्ली कैंट, कासरगोड, गुवाहाटी राउरकेला आदि शामिल हैं।



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