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NDA का बढ़ेगा कुनबा, BJP-TDP का हो सकता है गठबंधन, अमित शाह ने चंद्रबाबू नायडू के साथ किया मंथन

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2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर सभी दलों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के विजयी रथ को रोकने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की पहल कर रहे हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी इसके जवाब में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का कुनबा बढ़ाने की कोशिशों में लगी है। खबर आ रही है कि टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की है। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। यह बैठक गृह मंत्री के आवास पर हुई है।

यह बैठक में भाजपा और उसके पूर्व सहयोगी टीडीपी के बीच संभावित गठबंधन की अटकलों के बीच हुई है। इसमें इन नेताओं ने आंध्र प्रदेश में एक साथ आने की संभावना पर चर्चा की है। यहां चंद्रबाबू नायडू की पार्टी मुख्य विपक्षी दल है। इसके अलावा दोनों ने तेलंगाना में भी साथ आने पर चर्चा की है। आपको बता दें कि भाजपा नेतृत्व ने अपने ‘मिशन दक्षिण’ में तेलंगाना को फोकस बनाया है। इस राज्य में बीजेपी स्थानीय निकाय चुनावों में अपनी पैठ बना रही है।

सूत्रों का कहना है आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद के विशेष दर्जे की मांग को लेकर 2018 में बीजेपी से नाता तोड़ने वाले चंद्रबाबू नायडू तो बीजेपी के साथ चुनावी समझौते के इच्छुक हैं, लेकिन भाजपा की राज्य इकाई के कुछ नेताओं ने इसका विरोध किया है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों दलों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी। ये नेता नायडू द्वारा 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना और बाद में कांग्रेस के प्रति उनके गर्मजोशी का हवाला देते हैं।

कर्नाटक विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद भाजपा नेतृत्व का ध्यान दक्षिण भारत के अन्य राज्यों विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना पर केंद्रित है। यहां किसी भी कीमत पर वह कांग्रेस के लिए कोई लाभ की गुंजाइश छोड़ना नहीं चाहती है।

पहले जब अमित शाह से टीडीपी के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने इनकार किया था, लेकिन पिछले साल से चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा नेताओं से मिलने के लिए कई बार दिल्ली का दौरा किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की थी। टीडीपी ने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का भी समर्थन किया था।



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मणिपुर हिंसा में आतंकी कनेक्शन! दो देशों के दहशतगर्दों के साथ रची साजिश, संदिग्ध गिरफ्तार

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संदिग्ध को पूछताछ और आगे की जांच के लिए दिल्ली लाया जा रहा है। आतंकवाद रोधी एजेंसी ने एक बयान में कहा कि आरोपी और म्यांमार और बांग्लादेश में उसके नेटवर्क ने मणिपुर संकट का फायदा उठाने की कोशिश की।



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चंद्रयान-3 के बाद अब भारत के पहले सूर्य मिशन से भी आई खुशखबरी, ISRO को मिली बड़ी सफलता

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Aditya L1 Mission: चंद्रयान-3 मिशन में मिली सफलता के बाद भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को लेकर इसरो ने शनिवार को खुशखबरी दी है। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया है कि अब उसका यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बाहर जा चुका है। अब तक आदित्य-एल1 ने पृथ्वी से मिलाकर 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी पूरी कर ली है। बेंगलुरु मुख्यालय वाली राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, ”आदित्य-एल1 पृथ्वी से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुका है। अब यह सन-अर्थ लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना रास्ता तलाश रहा है। यह दूसरी बार है जब इसरो किसी अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र के बाहर भेज सका। पहली बार मंगल ऑर्बिटर मिशन में भेजा था।

इसरो ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि आदित्य-एल1 सौर मिशन अंतरिक्ष यान ने डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया है जो वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करेगा। इसमें कहा गया है कि एल1 के आसपास एकत्र किया गया डेटा सौर हवा और अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं की उत्पत्ति, अनिसोट्रॉपी में अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।  पीएसएलवी-सी57 रॉकेट द्वारा आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण 2 सितंबर को इसरो द्वारा सफलतापूर्वक पूरा किया गया था। आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान सूर्य का अध्ययन करने के लिए कुल सात अलग-अलग पेलोड ले गया है। 

इसमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे। बता दें कि आदित्य एल1 में दो मुख्य पेलोड हैं, विजिबल एमिशन लाइन कोरोनोग्राफी (वीईएलसी) और सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआईटी)। लैग्रेंज प्वाइंट पर पहुंचने के बाद, वीईएलसी पेलोड रोजाना 1,440 तस्वीरें भेजेगा। इसलिए इस पेलोड को आदित्य-एल1 का काफी अहम पेलोड माना जा रहा है। आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह सूर्य के चारों ओर उसी सापेक्ष स्थिति में चक्कर लगाएगा और इसलिए लगातार सूर्य को देख सकता है। 



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केवल 14 मिनट में हो जाएगी वंदे भारत ट्रेन की सफाई, जापान की बुलेट ट्रेनों से ली सीख

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जिन स्टेशनों पर ऐतिहासिक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा उनमें वाराणसी, गांधीनगर, नागपुर, न्यू जलपाईगुड़ी, मुंबई सीएसएमटी, हजरत निजामुद्दीन, दिल्ली कैंट, कासरगोड, गुवाहाटी राउरकेला आदि शामिल हैं।



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