Connect with us

Uncategorized

कितना खूबसूरत है नया संसद भवन, उद्घाटन समारोह विवाद के बीच पहली बार दिखी पूरी झलक; देखें VIDEO

Published

on


ऐप पर पढ़ें

New Parliament Building: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर हो रहे विवाद के बीच पहली बार पूरी झलक दिखाई दी है। शुक्रवार दोपहर को एक मिनट 48 सेकंड का वीडियो पहली बार जारी किया गया है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा समेत अन्य का लुक दिखाई दे रहा है। इस भवन का उद्घाटन 28 मई को पीएम नरेंद्र मोदी करने वाले हैं। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत विपक्ष के 19 दलों ने उद्घाटन समारोह से बहिष्कार करने का फैसला किया है। विपक्षी दलों की मांग है कि इस नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी से नहीं, बल्कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाया जाए। 

संसद भवन के द्वार पर बड़े-बड़े अक्षरों में सत्यमेव जयते लिखा हुआ है। इस वीडियो में कुछ ड्रोन शॉट्स भी हैं, जिसमें नई और पुरानी दोनों बिल्डिंग दिखाई दे रही है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में सांसदों के सामने स्क्रीन लगाई गई है। सामने स्पीकर के बैठने की जगह है। लोकतंत्र का मंदिर यानी संसद भवन देखने में काफी खूबसूरत दिखाई दे रहा है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों की ही डिजाइन को एक जैसा ही रखा गया है, सिर्फ रंग ही अलग है। वीडियो में संसद भवन परिसर में कई पेड़ भी देखे जा सकते हैं।

इससे पहले नए संसद भवन की अभी तक कुछ तस्वीरें ही सामने आई थीं। जब संसद भवन का निर्माण हो रहा था, तब पीएम नरेंद्र मोदी खुद भी कई बार वहां गए थे। इस भवन में तमाम तरह की खूबियां हैं। नए संसद भवन में तीन प्रमुख प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। इनके नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार रखा गया है। इसमें सांसदों और अन्य के लिए लाउंज, कैंटीन, पार्किंग की जगह, कमेटी कक्ष आदि का भी निर्माण किया गया है। 

75 रुपये का विशेष सिक्का भी जारी होगा

नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर केंद्र सरकार 75 रुपये का विशेष सिक्का जारी करेगी। वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक अधिसूचना जारी कर बताया, ”नए संसद भवन के उद्घाटन के उपलक्ष्य में 75 रुपये का विशेष सिक्का जारी किया जाएगा।” सिक्के के एक तरफ अशोक स्तंभ का शेर है, जिसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है। सिक्के के बाईं ओर देवनागरी में ‘भारत’ और दाईं ओर रोमन में ‘इंग्लिश’ लिखा है। इस पर रुपये का प्रतीक चिन्ह भी अंकित है। सिक्के के दूसरी तरफ नए संसद भवन की तस्वीर है। इसके ऊपर देवनागरी में ‘संसद संकुल’ और नीचे रोमन में ‘पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स’ लिखा है। नीचे की ओर अंतरराष्ट्रीय अंकों में 2023 भी लिखा है। इस सिक्के का वजन 35 ग्राम है और यह चार धातुओं से मिलकर बना है। अधिसूचना के मुताबिक गोल आकार के इस सिक्के का ब्यास 44 मिलीमीटर है और इसे चार धातुओं – चांदी, तांबा, निकल और जिंक को मिलाकर बनाया गया है।

उद्घाटन वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा सचिवालय को नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने याचिकाकर्ता एवं वकील जय सुकीन से कहा कि न्यायालय इस बात को समझता है कि यह याचिका क्यों और कैसे दायर की गई तथा वह संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस याचिका की सुनवाई नहीं करना चाहता। सुकीन ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 79 के तहत राष्ट्रपति देश की कार्यपालिका की प्रमुख हैं और उन्हें आमंत्रित किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यदि न्यायालय सुनवाई नहीं करना चाहता, तो उन्हें याचिका को वापस लेने की अनुमति दी जाए। केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यदि याचिका को वापस लेने की अनुमति दी जाती है, तो उसे हाई कोर्ट में दायर किया जाएगा। इसके बाद पीठ ने याचिका को वापस ले ली गई मानकर खारिज कर दिया। 



Source link

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uncategorized

खुशखबरी : दिल्ली के स्कूलों में जल्दी होगी 26 हजार शिक्षकों की भर्ती, HC ने केजरीवाल सरकार को दिया आदेश

Published

on

By



दिल्ली में 26 हजार से अधिक शिक्षकों की जल्द भर्ती होगी। उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और नगर निगम को अपने स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है।



Source link

Continue Reading

Uncategorized

Odisha Train Accident: बढ़ सकता है मृतकों का आंकड़ा; चश्मदीदों का दावा – मलबे में दबे हैं शरीर के अंग

Published

on

By


ऐप पर पढ़ें

ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। जानकारों का मानना ​​है कि यह संख्या 300 से अधिक हो सकती है। शनिवार शाम तक रेलवे सूत्रों ने बताया है कि मरने वालों की संख्या 288 है। 800 से ज्यादा घायल। लेकिन चश्मदीदों का कहना है कि शरीर के अंग अब भी मलबे में दबे हुए  हैं। मलबे के नीचे कई शव भी दबे हो सकते हैं। नतीजतन, मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। रेल सेवा शनिवार से सेवा सामान्य करने की कवायद शुरू हो गई है। लेकिन यह काफी समय लेने वाला माना जाता है।

संयोग से 10 मई 2010 को ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस हादसे में 148 लोगों की मौत हुई थी। इससे पहले, 2 अगस्त 1999 को रेलवे अधिकारियों के अनुसार, उत्तर बंगाल में इस्लामपुर के पास गेसल में एक रेल दुर्घटना में 285 लोगों की मौत हो गई थी। बालासोर कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे में मरने वालों की संख्या ने इन हादसों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यदि मरने वालों की संख्या 300 को पार कर जाती है, तो दुर्घटना पूर्वी भारत में हाल के दिनों में घटने वाली सबसे घातक रेल दुर्घटना होगी।

जांच के बाद रेलवे की प्रारंभिक रिपोर्ट में कोरोमंडल हादसे का कारण सिग्नलिंग में खराबी बताया गया है। हालांकि, रेलवे अधिकारियों के एक वर्ग के अनुसार, विस्तृत जांच से दुर्घटना के कारणों का पता चल पाएगा। साइट निरीक्षण के बाद एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया, “अप मेन लाइन पर हरी झंडी दे दी गई थी। लेकिन ट्रेन उस लाइन में नहीं आई। ट्रेन लूप लाइन में चली गई। वहां पहले से ही एक मालगाड़ी खड़ी थी। उससे टक्कर में कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई।” रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, ”इस बीच बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस डाउन लाइन से होते हुए बालासोर की ओर जा रही थी। उस ट्रेन के दो डिब्बे भी पटरी से उतरे। लेकिन मेन लाइन पर हरी झंडी मिलने के बावजूद अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में कैसे आई। ऐसे में माना जा रहा है कि सिग्नल देने में गलती हुई होगी।”

कब तक चालू होगी ट्रेनों की आवाजाही

रेलवे की ओर से आधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है। हालांकि, रेलवे बचाव कार्य से जुड़े अनुभवी लोगों के एक समूह ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि सोमवार से पहले पूरी तरह से मलबा हटाना संभव नहीं है। ऐसे में मंगलवार को ट्रेन सेवाएं सामान्य हो सकती हैं। दरअसल, अब रेलवे का सिरदर्द रूट पर सेवाओं को पूरी तरह से सामान्य करने का है। मलबे हटाने का काम शनिवार से शुरू हो गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर रेलवे लाइन के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। सीमेंट के स्लीपर टूटे हुए हैं, लोहे की छड़ें निकली हुई है। रेलवे के एक सूत्र ने दावा किया, मंगलवार से पहले उस रूट पर रेल सेवाएं पूरी तरह सामान्य होने की संभावना नहीं है।

हालांकि आपात स्थिति में कम से कम एक लाइन अप और डाउन लाइन पर ट्रेनों को चलाने का प्रयास करेगी। पश्चिम बंगाल से बहुत से लोग इलाज के लिए दक्षिण भारत जाते हैं। इसके अलावा, सबसे लोकप्रिय बंगाली तीर्थ स्थलों में से एक पुरी जाने वाली सभी ट्रेनें बालासोर से होकर गुजरती हैं। रविवार को स्नान के कारण कई तीर्थयात्रियों के पास पुरी जाने वाली ट्रेन का टिकट था। ऐसे में कई ट्रेनों के रद्द होने से भारी आर्थिक नुकसान होने का खतरा है। 

बचाव कार्य कैसे हुआ?

हादसा शुक्रवार शाम करीब सात बजे हुआ। इसके बाद से बालासोर में स्थिति गंभीर है। यात्रियों को बचाने के लिए रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। बचावकर्मियों से लेकर अस्पताल के डॉक्टर तक सब बचाव में कूद पड़े। आपदा प्रबंधन अधिकारियों से लेकर दमकलकर्मियों तक रात के अंधेरे से लेकर शनिवार सुबह तक बचाव कार्य जारी है। शुक्रवार शाम हादसे के बाद एंबुलेंस और मोबाइल हेल्थ यूनिट की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। शुक्रवार शाम से कुल 200 एंबुलेंस, 50 बसें और 45 मोबाइल हेल्थ यूनिट मौके पर पहुंच चुकी हैं। पटरी से उतरे डिब्बे के फर्श से यात्रियों को बचाने के लिए गैसकटर का इस्तेमाल किया गया। स्थानीय लोग भी सामने आए। घायल यात्रियों को बचाया तो कभी पानी देकर उनकी प्यास बुझाई। कभी-कभी वह रेलवे लाइन के आसपास बिखरे सामानों को इकट्ठा कर एक जगह करते हुए नजर आए। कई लोग अस्पताल में घायलों के लिए रक्तदान करने के लिए कतार में खड़े हैं।



Source link

Continue Reading

Uncategorized

ओडिशा रेल हादसे के चलते आवाजाही पर असर; 48 ट्रेनें रद्द, जानें कितनों का बदला रास्ता

Published

on

By



भारतीय रेल के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण पूर्व रेलवे ने चेन्नई-हावड़ा मेल, दरभंगा-कन्याकुमारी एक्सप्रेस और 3 जून को अपनी यात्रा शुरु करने वाली कामख्या-एलटीटी एक्सप्रेस को रद्द कर दिया है।



Source link

Continue Reading
Advertisement

Uncategorized

Copyright ©2021 India Hindustan News